Sunday, December 28, 2008

शेर - 4

‘उदय’ तेरे शहर में, हसीनों का राज है
तुम भी हो बेखबर, और हम भी हैं बेखबर ।

Monday, December 15, 2008

शेर - ३

न छोडी कसर उन ने, कांटो को चुभाने में,
खड़े हैं अब अकेले ही, सँजोकर आरजू दिल में

Tuesday, December 9, 2008

शेर - 2

न चाहो उन्हे तुम, जिन्हे तुम चाहते हो

चाहना है, तो उन्हे चाहो, जो तुमको चाहते हैं।

Saturday, December 6, 2008

शेर - 1

हुई आँखें नम, तेरे इंतजार में 'उदय'
कम से कम, अब इन्हें छलकने तो न दो ।