Wednesday, February 25, 2009

शेर - 12

कौन जाने, कब तलक, वो भटकता ही फिरे
आओ उसे हम ही बता दें ‘रास्ता-ए-मंजिलें’ ।

Tuesday, February 24, 2009

शेर - 11

कहाँ से चले थे, कहाँ आ गये हम
हमें न मिले वो, जो कश्में भुला गये ।

Wednesday, February 18, 2009

शेर - 10

‘उदय’ से लगाई थी आरजू हमने
अब क्या करें वो भी हमारे इंतजार मे थे।

Sunday, February 15, 2009

बोल-अनमोल

“मनुष्य स्वतंत्र नही है क्योंकि वह हर क्षण नैसर्गिक कर्तव्यों व उत्तरदायित्वों के बंधन में जकडा हुआ है।”

Saturday, February 7, 2009

शेर - 9

चाहें तो सारी दुनिया भुला सकते हैं
न चाहें तो कैसे भुलाएँ हम तुम्हे।