आजादी पर्व की पूर्व संध्या पर देश में बढ़ रहीं ... नक्सली, आतंकी, भ्रष्टाचारी, जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटखोरी, आपराधिक इत्यादि समस्याओं के समाधान को लेकर दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ ... बैठक में केन्द्रीय व प्रांतीय मंत्रिमंडल, राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के प्रमुख कर्ता-धर्ता शामिल हुए ... बैठक में समस्याओं के समाधान पर चर्चा शुरू हुई, उपस्थित सभी कर्णधारों ने समाधान के लिए आम सहमति जाहिर की ...
... समाधान कैसे हो, क्या उपाय हों, यह किसी को नहीं सूझ रहा था सभी मौन मुद्रा में समस्याओं से समाधान का उपाय सोच रहे थे तभी अचानक एक प्रकाश बिम्ब के साथ साक्षात
इन्द्रदेव प्रगट हुए ... सभी आश्चर्यचकित हुए ...
इन्द्रदेव ने कहा - आप सभी लोग एक ही समस्या के समाधान पर चिंतित हैं एक साथ इतने लोगों की मांसिक तरंगों ने मुझे यहाँ आमंत्रित कर लिया है मुझे मालुम है की आप लोगों को समस्याओं का समाधान नहीं मिल रहा है और आप सभी लोग समाधान चाहते हैं, हम समाधान बता देते हैं जिससे तीन दिनों के अन्दर ही सारी समस्याएं सुलझ जायेंगी ... आप सभी लोग गंभीरता पूर्वक सोच-विचार कर लीजिये समाधान चाहिए अथवा नहीं ... पंद्रह मिनट के पश्चात हम पुन: उपस्थित होंगे ... (इन्द्रदेव अद्रश्य हो गए) ...
... सभाभवन में सन्नाटा-सा छा गया, सभी लोग एक-दूसरे को देखते हुए हतप्रभ हुए ... सभी अपनी अपनी घड़ी देखने लगे ... फिर अचानक एक साथ सब बोल पड़े - ... तीन दिन में समाधान हो जाएगा तो फिर हम लोग कहाँ जायेंगे ... हमारी बर्षों की मेहनत का क्या होगा ... कहीं अपना ही राजपाट न छिन जाए ... तीन दिन में समाधान कैसे संभव है ... भगवान हैं संभव कर देंगे ... जल्दी सोचो क्या करना है ... नहीं नहीं तीन दिन में समाधान ठीक नहीं है ... अरे ये तो समस्याओं से भी बड़ी समस्या खडी हो गई है ... भगवान ने न जाने क्या उपाय सोच रखा है ... सोचो, जल्दी करो, टाइम बहुत कम है ... अरे इस नई समस्या का समाधान ढूंढो कहीं लेने-के-देने न पड़ जाएँ ... अरे ज्यादा सोचो मत सभी हाँ कह देते हैं ... अपन लोगों ने तो बहुत धन -दौलत कमा लिया है समस्याएं मिट जायेंगी तो अच्छा ही है ... नहीं नहीं नहीं ... तभी एक
चतुर नेता उठकर बोले ...
... अरे भाई कोई हमरी भी सुनेगा की नहीं ... हाँ हाँ बोलो क्या बोलना है ... ये सब
तीन-पांच-तेरह छोडो और तनिक सब लोग
कान-खुजा के सुनो, कहीं ऐसा न हो की देर हो जाए और भगवान जी आकर अपना फैसला मतलब समस्याओं का समाधान सुना जाएं ... चारों ओर पिन-ड्राप-साइलेंस .... हाँ हाँ बताओ जल्दी करो ... ये जो समस्याएँ हैं जिसका समाधान हम ढूँढने के लिए यहाँ बैठे हैं, ये सारी समस्याएं हम सब लोगों की पैदा की हुई हैं, अरे भाई सीधा सीधा मतलब ये है की इन समस्याओं की जड़ हम सब लोग ही हैं इसलिए ये मीटिंग-सीटिंग बंद करो और भगवान के आने के पहले ही निकल लो, कहीं ऐसा न हो कि यहीं हम सब का
राम नाम सत्य हो जाए ... चारों ओर से आवाज निकली ... हाँ ये बिलकुल सच है, यही सर्वविदित सत्य है, ... छोडो मीटिंग-सीटिंग ... छोडो समस्याएं व समाधान ...
नहीं चाहिए हमें आजादी ! इन समस्याओं से ... अभी साढ़े-आठ मिनट ही हुए थे कि सभी सदस्य एक नारे को बुलंद करते हुए ... नहीं चाहिए हमें आजादी ...
नहीं चाहिए हमें आजादी ...
नहीं चाहिए हमें आजादी ! इन समस्याओं से ... चिल्लाते हुए
चले गए !!!