Saturday, January 14, 2012

लग रहा है अब मकां मिल जाएगा !

आज फिर तन्हाई राहों में दिखे है
दिल कहे है कोई तो मिल जाएगा !

भोर की किरणें सुहानी लग रही हैं
लग रहा है जी मचल ही जाएगा !

ओस की बूँदें भी मन को छू रही हैं
लग रहा है तन पावन हो जाएगा !

धड़क रहा है, दिल मेरा, नाम तेरे
अब कहाँ, वो मेरा रह पायेगा !

चल पड़े हैं, पग मेरे, तेरी डगर को
लग रहा है अब मकां मिल जाएगा !!

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

निश्चय ही मकां मिलेगा।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

अवश्य मिलेगा.........

अवनीश सिंह said...

अंतर्मन की भावनाओं का सुंदर निरूपण बधाई.