Saturday, January 28, 2012

अच्छा-सच्चा ...

अपने दोस्तों, शुभचिंतकों से
कभी-कभार, एकाद बार
लड़ जाओ
भिड़ जाओ
कुछ तीखा-तीखा बोल जाओ
फिर देखो
वो
कितना अच्छा-सच्चा है
क्या मन में है
क्या दिल में है
दोस्त है
दुश्मन है
सब का सब सामने आ जाएगा
या तो सीधे-सीधे
या किसी माध्यम से ... जय हो !!

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

कभी कभी गरारा करना अचछा है..

Rajesh Kumari said...

dosti ki pareeksha???

***Punam*** said...

apko apni sachchi tasveer dekhne ko tabhi milegi...