अपने दोस्तों, शुभचिंतकों से
कभी-कभार, एकाद बार
लड़ जाओ
भिड़ जाओ
कुछ तीखा-तीखा बोल जाओ
फिर देखो
वो
कितना अच्छा-सच्चा है
क्या मन में है
क्या दिल में है
दोस्त है
दुश्मन है
सब का सब सामने आ जाएगा
या तो सीधे-सीधे
या किसी माध्यम से ... जय हो !!
3 comments:
कभी कभी गरारा करना अचछा है..
dosti ki pareeksha???
apko apni sachchi tasveer dekhne ko tabhi milegi...
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