सच ! कोई खरीद रहा था, तो कोई बेच रहा था
आज ईमान के बाजार में बहुत भीड़ थी 'उदय' !
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कैंसे बताऊँ मैं 'उदय', कि - मैं बहुत प्यासा हूँ
क्या सूखे गले से, आवाज निकली है कभी ?
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मंदिर हो, या मस्जिद हो, या फिर हो वो मयखाना
कोई तुम एक जगह बता दो, जहां नहीं है घोटाला ?
1 comment:
सर्वव्यापी गुण..
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