Sunday, November 11, 2012

पहली बधाई ...


सच ! कल.. जो तू कहे, उस रंग में रंग जाऊँ मैं 
बस आज की रात, तू रौशनी बन जा मेरे संग !!
... 
आओ, गले लग कर, मना लें हम दिवाली 
गिले-शिकवों ...... में क्या रक्खा है यारा !
... 
उनकी मुस्कान, दिवाली की पहली बधाई है 
लग रहा है अबकि, हम तर-बतर हो जाएंगे !

2 comments:

देवदत्त प्रसून said...

'प्रीति की अनुभूति' अच्छी है |

प्रवीण पाण्डेय said...

दीवाली की शुभकामनायें।