Tuesday, November 20, 2012

चंडाली ...


बगैर चक्खे, अब हम ...... ये कैसे कह दें 
कि - तुम कितने खट्टे हो कितने मीठे हो ?
...
गर उन्ने हमें, एक बार भी सिद्दत से रोका होता 
कसम से, क़यामत भी जुदाई से मुंह मोड़ लेती !
... 
उफ़ ! क्या गजब चंडाली छाई है अपने मुल्क में 'उदय' 
माल के सांथ-सांथ चोरों को भी गटक जा रहे हैं लोग !!

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