Sunday, February 10, 2013

तमाशे ...


आज हमने, उनपे, इश्क का दावा ठोक दिया है 
आखिर हमने,.... हर रोज किश्तें जो भरी थीं ?
... 
अबे ढक्कन,.... कस के रहा कर 
साकी-औ-सबाब बैठे हैं अन्दर ?
... 
क्या खूब तमाशे चल रहे हैं, आज अपने मुल्क में 'उदय' 
चॉकलेट से महंगे रैपर, औ अनाज से महंगे बोरे हुए हैं ? 
... 
आहट सुन के भी 'उदय', वे आँगन तक नहीं आये 
उफ़ ! उनकी नाराजगी की.........कोई हद तो देखे ?

1 comment:

Rajesh Kumari said...

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि कि चर्चा कल मंगलवार 12/213 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है