Monday, March 24, 2014

तोड़-मरोड़ ...

इत्मिनान रख, हम आयेंगे जरुर 
हिसाब तेरा, हम चुकायेंगे जरुर ?
… 
सच ! मेरी वाइफ ही मेरी लाइफ है 
अब, इससे ज्यादा और क्या कहें ?
… 
वो, किस से वफ़ा करेंगे औ किस से दगा 'उदय' 
दो-दो चुनाव क्षेत्र से, …… जो लड़ रहे हैं आज ?
… 
सच ! उनकी मौकापरस्ती, … चरम पे है 'उदय' 
गटर के पानी को, वो गंगाजल कह रहे हैं आज ?
… 
अभी भी वो मानेंगे नहीं 'उदय' 
शब्दों को तोड़-मरोड़ के, फिर से उन्हें 'खुदा' कह देंगे ? 
… 

1 comment:

देवदत्त प्रसून said...

वाह उदय जी ! वाह !!