Monday, May 25, 2015

लू-औ-लपटें ...

पगडंडी भी कच्ची है,
औ हाईवे भी कच्चा है,
क्या डगर पे चलने का इरादा उनका पक्का है ?

कठिन डगर है ? या फिर …
पांवों में छालों का डर है ??

एक ओर, लू-औ-लपटें हैं,
एक ओर ठंडे कमरे हैं,
गर नहीं, … हाँ … हूँ … तो फिर …

लाल भी अपने हैं,
माटी भी अपनी है,
पगडंडी भी अपनी, हाईवे भी अपना है,
क्या डगर पे चलने का इरादा उनका पक्का है ???

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