Wednesday, May 3, 2017

तिकड़मबाजी ...

01
गर ये दिल टूटेगा तो
कई हिस्सों में .. कईयों का हो जायेगा,

तू .. काफी सोच-समझकर ...
अपने दिल में ..
इस दिल से .. खेलने का ख्याल लाना !
.......
02
मुहब्बत के तिकड़मबाजी रिवाजों से
हम अंजान थे 'उदय'

वर्ना ! मजाल थी किसी की
जो ... हमारे दिल से यूँ खेल जाता !!
.......
03
दर्द ..
जख्म ..
रुस्वाईयाँ .. तन्हाईयाँ ...
सब मेरे थे,

वजह .. मत पूछो ...
बस .. तुम .. चहरे पे उनके .. उनकी मुस्कान देखो ... !

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