Saturday, May 13, 2017

कर्जदार हैं .. पर ... भगोड़े नहीं हैं !!

हाँ .. हम ... औघड़ हैं .. फक्कड़ हैं
किसान हैं ... मजदूर हैं ...
पर ..
किसी बैंक के भगोड़े नहीं हैं,

गाँव ... खलिहान ...
पीपल तले ..
तो कभी .. नदी के तट पे ...
हर पल .. हर क्षण ... हाजिर खड़े हैं,

देश छोड़ के चले जाएँ
हम .. ऐसे व्यापारी नहीं हैं
हाँ .. हम ...
कर्जदार हैं .. पर ... भगोड़े नहीं हैं !!

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